एक बार एक योगी बाबा से एक सज्जन मिलने गये, सज्जन अपना दुखड़ा योगी बाबा के सुनाया, बातचीत के अंत मे सज्जन ने कहा महाराज मुझ पर कृपा करें, मेरा कष्ट दुर करने का उपाय बतायें।
तब योगी बाबा ने कहा बेटा तुम तो उपाय स्वयं जानते हो, अभी-अभी तुमने कहा "कृपा करें", जानते हो "कृपा" ही तुम्हारे दुखः का अंत है।
सज्जन ने कहा महराज विस्तार से समझायें।
योगी बाबा ने कहा बेटा कृपा मे "कृ शब्द का अर्थ करने से है और पा शब्द पाने से है", अर्थात कर्म करोगे तब पाओगे और तभी तुम्हारा कष्ट दुर होगा...........................