Tuesday 11 September, 2007

11 सितंबर


11 सितंबर,बरबस ही ध्यान अमेरिका की ओर जाता है। पर भारत में 11 सितबंर का महत्व कुछ अलग है, जानने वाले जानते होंगें, न जानने वाले जान लें,-
11 सितंबर 1839 को संयुक्त राज्य अमेरीका के शिकागो नगर में संपन्न विश्व धर्म संसद की सभा में स्वामी विवेकानंद का भाषण है जिसने तहलका मचा दिया था। अपने भाषण मे उन्होने कहा था कि सभी धर्मो और पंथों के अनुयायी अपने अपने मार्ग पर चलते हुए एक ही ईश्वर के पास पहुँचते हैं।
11 सितंबर 1906 के दिन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग स्थित ट्राँसवाल मे आयोजित भारतीयों की एक सभा में एशियाई रजिस्ट्रेशन अधिनियम के विरुद्ध शपथ ली गई,कि इस कानुन को वे नहीं मानेगें चाहे जितना कष्ट सहना पड़े। महात्मा गाँधी की पुरी सहानुभुती निर्धन,दलित और पीड़ितों के साथ थी। गाँधी जी ने सर्वधर्म समभाव पर बहुत बल दिया था,उनका कहना था सब धर्म ईश्वर के दिये हुये हैं धर्म मनुष्य की पहुच से परे है, सब अपनी अपनी दृष्टि के मुताबीक चलते हैं तब तक सच्चे हैं।
11 सितंबर 1895 विनोबा जी का जन्म दिवस, विनोबा जी ने लोगों को दुसरे धर्म के बारे मे सही जानकारी हो और उनकी भ्रांतियाँ दुर हो , उन्होने न्यू टेस्टामेंट,कुरानशरीफ,जपुजी व धमम्पद जैसी पुस्तकों का सार नीकाला और प्रकाशित किया। उन्होने भूदान-ग्रामदान आंदोलन मे अपनी पूरी शक्ती लगाई वह मानव इतिहास में अद्वितीय हैं।